लेखनी कहानी -02-Feb-2022
एक श्राप
भाग - 12
तभी दादी दादाजी के लिए चाय लिए वहां आ जाती हैं, मेरी कुछ मदद चाहिए आपको, देखो तुम्हारी मदद के बिना तो वैसे भी मैं कुछ कर नहीं सकता, तुम बस बच्चों को समझा दो कैसे लाइन में लगाना है पौधों को, बस आज ये कान हो जाए कल जाकर मेरे पढ़ पोते को लाकर इसमे सुलाता हूँ, नहीं नहीं आप घर के सभी आदमी सोना में तो कहूँगी धीरज की बेटी को भी क्यूंकि आने वाली नयी पीढ़ी की सबसे छोटी बच्ची वो है, नील थोड़ा भावुक हो जाता है बेचारे कितना सोचते हैं ।अच्छा बच्चों आज तुमसे मुलाकात हो ही गई, दोनों एकदम अंग्रेज दिखते हो कितना पढ़े हो दादी सा पढना तो चाहते हैं आगे भी लेकिन थोड़ा पैसा जोड़ लें हम दसवीं का पेपर दे चुके हैं और बारहवीं चल रही है, अच्छा तो दादी सा बुरा ना माने तो एक बात पूछ सकते हैं। लव दादी को बातों में उलझा देता है, ये क्या और क्यूँ कर रहें हैं आप, ये इसके बारे में बस ये कहूँगी दादाजी की जिंदगी भर की मेहनत किसी ने उन्हें कोई श्राप दिया था, तो वो उनकी पीढ़ी मैं भी आया और कहते हैं आज भी उनके परिवार मैं चला आ रहा है, इस श्राप के चलते दादाजी को घर से बेघर कर दिया गया था। तो तभी से दादाजी इस की खोज में थे के मेरे कारण हुआ तो खत्म भी में ही करूंगा। अच्छा चलो मैं बता देती हूं कैसे लगाना है। नील से रहा नहीं गया दादा सा आप और दादा का प्रेम विवाह है, दादी हँसते हुए हाँ मै उन्हें कॉलेज के समय से चाहती थी ये मेरी ही बड़ी बहन के प्रेमी थे काफी अच्छे दिखते थे कॉलेज की कई लडकियाँ इन की दीवानी थी, तो आप कैसे इनकी बीवी हुए, चलो आज इतने समय बाद किसी ने पूछा। देखो बच्चों पहले तुम्हारी मम्मी जो तुम्हें सबसे प्यारी हैं उनकी कसम खाओ ये बात आज तक किसी को नहीं बतायी लेकिन तुम्हें पता है मेरा परपोता तहरी उम्र का ही है तो आज मन है तुम्हें बताने का दादी सा किसी को नहीं बतायेंगे आप बताओ। में जिस परिवार से हूँ वहां की सारी औरते विचर हैं।मतलब? दोनों ऐसे दिखाते हैं जैसे उन्हें पता ना हो, मतलब बच्चों जादू टोंना करने वाली चुड़ैल मतलब आप चुड़ैल हैं नहीं नहीं हँसते हुए !मैं नहीं क्यूंकि मैने वो दीक्षा ली ही नहीं। हाँ मेरी बड़ी बहन तक ये दीक्षा खत्म हो चुकी थी। मैं भी लेती पर ये दीक्षा घर की 7 सात औरतों यानी मेरी पर पर नानी के समय से जैसे उन्हें जो बेटी हुई फिर उसके बाद उनकी बेटी को जो बेटी हुई ऐसे करके सात ल़डकियों को ही ये दीक्षा मिलनी थी और मैं थी आठवीं। तो मेरी मम्मी ने मुझे वानस्पतिक विज्ञान में शिक्षा दिला दी। हम विचर पेड़, पौधे से दवाईयां बनाते हैं,तो कुछ मैने आपनी पढ़ाई से सीख तो कुछ अपनी माँ से, बड़ी बहन शुरू से थोड़ी अकड़ में रहती और दूसरा घमंड नहीं के उसके पास जो है मेरे पास नहीं, पर थी तो बहन ही, एक बार किसी बड़े राजा परिवार के लड़के से उसे प्यार हो गया, प्यार तो लड़का भी करता था लेकिन परिवार के आगे उसे अपना प्यार कुर्बान करना पड़ा ।तब मेरी बहन प्रतिशोध में जल रही थी तो उसने उसी लड़के के छोटे भाई को अपने प्यार में फंसाया वो छोटे लड़के तुम्हारे दादाजी हैं। ओर मेरी बहन इतनी सुन्दर थी कि अगर वो किसी को नजर भर देख ले वो उसका दीवाना हो जाए। तुम्हारे दादाजी पड़ गए उसके प्यार में, अब क्या वो बेचारे नहीं जानते थे उनके साथ तो खेल खेला जा रहा है लेकिन दादाजी के बड़े भाई को भनक लग ही गई कि दादाजी किसी लड़की से मिल रहे हैं पता करवाने से पता पड़ा वो तो उन्हीं की पूर्व प्रेमिका निकली। उस दिन जब दादाजी अपने घर पहुंचे उनके बड़े भाई ने सब बताया। ओर तब तुम्हारे दादाजी थोड़ा तो समझ ही गए क्यूंकि मेरी बहन उन्हें हमेशा शादी के लिए फोर्स करती थीं।उन्होंने मेरी बड़ी बहन से मिलना बंद कर दिया तो एक बार मेरी बहन ने चाल से उन्हें बुलाया और उन्हें सम्मोहित कर भेड़िये का खून पीला कर आधी रात में भेड़िया बनकर घूमने का श्राप दिया। दादाजी इस बात से बेखबर थे। यानी इस बार जो अमावस्या आती तुम्हारे दादाजी भेड़िया बन जाएंगे ।वो बेचारे इस बात से बेखबर थे। साथ ही बड़ी बहन दादाजी के बड़े भाई की बीवी से मिलने के नए नए तरीके ढूंढती, तो एक बार तुम्हारे दादाजी और उनके बड़े भाई काम से बाहर गए और वो घण्टों बरसात में खड़ी केवल एक जिद उनकी बीवी से मिलना है। तो बड़े दादाजी की बीवी आयीं उन्होंने कहा में जानती हूं आप उनकी पूर्व प्रेमिका हो।लेकिन अब उन्हें माफ कर दो। वो माँ बनने वाली थी उन्होंने मेरी बहन से कहाँ जितने पैसे चाहिए ले लो लेकिन यहां आना बंद कर दो। उन्होंने अपना रानी हार तक दे दिया। मेरी बहन ने वो हार उनके मुँह पर मार दिया और उनकी बीवी से कहाँ तूने इस एक जन्म मेरी जिंदगी खराब की तेरी साथ पुश्तों को ऐसी तकलीफ दूँगी के कितना पैसा लगा लो कुछ नहीं होना। ओर उसने ये श्राप उसकी कोख में पल रहे बच्चे को भी दिया।
पढना जारी रखें।
Deepika
04-Mar-2022 10:32 PM
सारे इमोशंस डालें रेखा तुमने
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Arshi khan
04-Mar-2022 07:39 PM
👌👌👌
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